सब कहते है वक़्त पीछे छूट गया है, जैसे कि हम आगे निकल आए हो। क्या पता हम आगे निकल आए है, या वक़्त आगे निकल जाता है। ज़रा सोचों अगर हम वक़्त के आगे चलते, तो हम वक़्त के पीछे क्यूँ भागते।
क्यूँ हम कहते है कि वक़्त नहीं हमारे पास, ये न कह देते कि वक़्त के पास हम नही। हम वक़्त के मालिक नहीं, वक़्त हमारा मालिक है। पर नासमझी में हम अक्सर कह देते है, कि वक़्त पीछे छूट गया है ।