मैं ये तो नहीं कहूँगी

मैं, ये तो नहीं कहूँगी कि मुझे तुमसे प्यार हे,
पर मेरे मन में कहीं एक एहसास हे।
या फिर यूं कहूँ कि प्यार के एहसास का अघास हे,
या शायद, ये उस एहसास के अघास का कोई अंदाज़ हे।

अभी एहसास हे पर पायाब हे,
अभी जज़्बात तो हे पर कुछ अलग बात हे।
अभी मुलाक़ाते होनी हे,
बहुत सी बाते होनी हे।
अभी बहुत सी तकरारे बाकि हे,
उन के बाद के करार होने बाकि हे।

सुनो जल्दी नहीं हे,
गहरे रिश्तो को बनने में वक़्त लगता हे।
सपने बुनने में, और उन्हें पूरा होने में वक़्त लगता हे।

अभी तो बहुत सी बाते करनी हे।
एक दुसरे के शब्दों के साथ साथ,
एक दुसरे की ख़ामोशी भी समझनी हे।
अभी तुम्हारी निगाहो में गहरायी से झांकना हे।
उन आँखों की मुस्कान के साथ,
उनका दर्द भी पहचानना हे।

हां सुनो जल्दी नहीं हे क्योंकि
एहसास को प्यार में बदलने में वक़्त लगता हे।
चाहतो को दिल में उतरने में वक़्त लगता हे,

पर हा अगर तुम्हारे मन में भी कहीं कोई एहसास हे,
या फिर सिर्फ उस एहसास का आग़ाज़ हे।
या फिर उस एहसास के आगाज़ का कोई अंदाज़ हे,

 

तो मुझे बता देना।
और अगर बता न सको तो जता देना.
कुछ कह सको तो कह देना,
कुछ कह न सको तो इशारा कर देना।
जो भी हो जैसे भी हो,
मुझे कुछ तो बता देना।

 

 

 

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